सतीश मोरला@बीजापुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार का स्लोगन है सुशाशन की सरकार। भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री ने बीते दिनों बस्तर दौरे में कहा था की भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। मामला सामने आयेगा तो कड़ी कार्रवाई होगी। बीजापुर जिले के भोपालपटनम विकासखंड से महज 5-6 किमी दूर स्तिथि ग्राम पंचायत में सरपंच- सचिव द्वारा वित्तीय अनियमितता की शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार द्वारा गठित जांच टीम जांच की तय अवधि तक पंचायत में नहीं पहुंची। नियुक्त जांच अधिकारियों ने अपने ही अधिकारी के आदेश की अवहेलना की है।
14/10/2024 को ग्राम पंचायत वरदली की उपसरपंच कच्ची सुनीता, आलम सितैया, कोरम चंद्रैया, गावड़ी सोमैया, गुरला पापैया ने मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बीजापुर को शिकायत पत्र देकर वर्ष 2020-21, 2021-2022 में पंचायत द्वारा कराये गए निर्माण कार्यों की राशि में गड़बड़ी की जांच की मांग की गई थी। अवदान में लिखा गया है कि रनिंग वाटर कार्य के लिए एक लाख बीस हज़ार नौ सौ ( 120900) और ऐसी सड़क निर्माण 120 मीटर के लिए एक लाख पचास हजार की राशि का आहरण सरपंच सचिव द्वारा किया गया। उपसरपंच और ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसा कोई काम वरदली पंचायत में धरातल पर हुआ ही नहीं है। जिसको लेकर जिला पंचायत सीईओ से जांच की मांग की गई थी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बीजापुर हेमंत नंदनवार द्वारा 16/10/2024 को तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया। जिसके खेमलाल दाता- जिला अंकेक्षक, विक्रम वर्मा- समन्वयक तकनीकी, विक्रम परस्ते- संकाय सदस्य, जिला पंचायत बीजापुर को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था। जिला पंचायत सीईओ के आदेश जारी दिनांक दे एक सप्ताह के अंदर समिति को ग्राम पंचायत वरदली पहुंचकर तीन बिंदुओं जिनमे विस्तृत प्रतिवेदन, फोटोग्राफ एक सप्ताह के भीतर जिला पंचायत सीईओ को सौंपना था जिसकी तय मियाद तारीख थी 23/10/2024। आदेश जारी होने के 11 दिन बाद भी गठित जांच समिति का ग्राम पंचायत नहीं जाना और जांच नहीं करते हुए अपने ही उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना करना दर्शाता है की दाल में कुछ काला है।
क्या जांच अधिकारी सरपंच- सचिव को बचाना चाह रहे हैं। क्या जांच अधिकारियों पर किसी तरह का दबाव बनाया जा रहा है। या जांच अधिकारियों ने सरपंच- सचिव से मिलकर मामले को समझ लिया है। खैर ये सभी अटकलें हैं। लेकिन अब जिला पंचायत सीईओ अपने ही मातहत अधिकारियों द्वारा उनके आदेश की अवहेलना पर करवाई करते है या नहीं यह देखना होगा। सूत्रों के मुताबिक संबंधित पंचायत के सचिव द्वारा शिकायतकर्ताओं को धमकाने की खबरें भी आ रही हैं।
