बीजापुर जिला मुख्यालय के अगले दो दिनों में सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत सारे मामले की तरह तक जाए तो पता चलता है कि कहीं ना कहीं और व्यवस्था ही एक्सीडेंट का कारण रहा 18 जून को मझिगुड़ा आरटीआई भवन के पास तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने मारी ठोकर शिक्षिका अपने रोजाना के काम से आ रही थी हो गई मौत 19 जून जनपद पंचायत कार्यालय के सामने बस ने स्टॉपर और बाइक सवार को ठोक बाइक सवार के इलाज के दौरान मौत हो गई ।रानू आंगनपल्ली एजुकेशन सिटी से ड्यूटी के बाद घर लौट रही थी इसी दौरान कोतपाल रोड में स्कॉर्पियो ने रौंदा और फरार हो गया । इसी तरह रोजाना छोटे-मोटे कई बाइक मोटरसाइकिल कर जैसे एक्सीडेंट हो रहे हैं ।
नेशनल हाईवे 63 जिले के कोतापाल चौक से लेकर महादेव घाट तक सीसी कैमरा पूरी तरह खराब एक दो कैमरा चालू जिस पर कोई काम नहीं बन सकता संबंधित विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में आए दिन हो रहे एक्सीडेंट चोरी जैसे अन्य मामलों को लेकर पुलिस अपने छानबीन में प्रमुखता से सीसी कैमरा का उपयोग लेती है । लेकिन काफी लंबे समय से शहर के कई कैमरा खराब हो चुके हैं ।
पुलिस विभाग की सुने तो उनके द्वारा डिमांड लेटर जिला प्रशासन तक पहुंच चुकी है । परंतु उस पर आगे की कार्रवाई नहीं होने की वजह से जिले में हो रही घटनाओं के बाद संबंधित अपराध करने वालों पर नजर बनाने में कमजोर है विभाग जल्दी भी अगर कार्यवाही नहीं होती है तो कई ऐसे और बड़े मामले नजर आएंगे सूत्रों की माने तो भी जिला मुख्यालय में चोरों की संख्या काम नहीं है बाहरी क्षेत्र से भी आकर कई गैंग के रूप में काम कर रहे हैं ।
पुलिस के द्वारा कार्यवाही के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं समय-समय पर जागरूकता अभियान के तहत नागरिकों से अपील भी की जाती है । कि नियमों का पालन करें और सुरक्षित रहें कैमरे बंद होने की बात को लेकर कहा कि जिले के जितने भी कैमरे लगे हुए हैं उन्हें सुधार व नए कैमरे के डिमांड की गई है । परंतु अब तक नहीं मिल पाया है वही जिले के नागरिक व में सड़क में लगे दुकान के व्यापारियों से भी अपील है कि वह अपने दुकान में जो कैमरा लगे वह एक सड़क की और भी रखें इससे भी सहयोग मिलता है जैसे-जैसे शहर बढ़ता है वैसे बदमाशों की संख्या भी बढ़ती है और पुलिस को सहयोग से ही मदद मिलती है ।
यातायात प्रभारी केशव ठाकुर के द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में कई घटनाओं को रोकने के लिए हमें कई तरह के यंत्रों की आवश्यकता है और वह मीटिंग के दौरान हमने डिमांड में डाल रखी है मामला है जिला प्रशासन से सहयोग की अपील है पर अब तक कई ऐसे चीज हैं जो हमें नहीं मिल पाना ही ज्यादा सहयोग नहीं हो पा रहा जैसे गाड़ी नंबर पढ़ने वाला कैमरा आमतौर पर ए एनपीआर कैमरा होता है यह विशेष रूप से वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करने और पढ़ने के लिए डिजाइन किए जाते हैं कैमरे ट्रैफिक मैनेजमेंट टूल कनेक्शन पार्किंग मॉनिटरिंग सुरक्षा जैसे कामों के लिए भी उपयोग में आता है वह नहीं है । अब तक ऐसी कोई सुविधा नहीं बनाई कि हम ब्रेकर बन सके सड़क में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है पूरे शहर में यह भी वजह होती है एक्सीडेंट की लोग एयर फोन लगाकर गाड़ियां चलाते हैं जागरूक अभियान के दौरान कई तरह की बातें बताने के बाद भी नागरिकों से सहयोग नहीं मिल पा रहा हैं ।
