त्रिस्तरीय पंचायत सरकार के लिए भाजपा- कांग्रेस नेता दे रहे संगठनात्मक कसावट पर ज़ोर. नक्सल इलाकों में ज़मीनी प्रचार, प्रसार और रणनीति पर हो रही चर्चा. टिकट के दावेदार प्रत्याशी नेताओं के आवभगत में जुटे.

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बीजापुर- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव की तारीखें आने से राजनैतिक दलों के नेताओं में एकाएक हलचल बढ़ गई है। भाजपा जिलाध्यक्ष घासीराम नाग बीजापुर जिले के संवेदनशील जिला पंचायत और जनपद पंचायत क्षेत्रों में जाकर कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनावों में दमखम लगाने और सीट जीताकर लाने की रणनीति बता रहे हैं वहीं बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने चुनावों में अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विधायक विक्रम ने आज भैरमगढ़ स्थित अपने आवास में बड़ी बैठक बुलाकर चुनावी लड़ाई की रणनीती पर कार्यकर्ताओं से चर्चा की। 
बीजापुर जिले में जिला पंचायत में वर्तमान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों कांग्रेस पार्टी से हैं। सीटों के आरक्षण बदलने से समीकरण बदल गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष (नैमेड ) और उपाध्यक्ष (पामेड़ ) की सीट महिला आरक्षित होने से दोनों के चुनाव लड़ने को लेकर ऊहापोह की स्तिथि बन गई है। अध्यक्ष शंकर कुडियम और उपाध्यक्ष कमलेश कारम को दूसरे क्षेत्र से दावेदारी करने की मजबूरी आन पड़ी है। वहीं कांग्रेस दोनों बड़े चेहरों को लेकर संशय की स्तिथि में हैं। गेंद कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष लालू राठौर और विधायक विक्रम मंडावी के पाले में है। 
भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के बाद घासीराम नाग लगातार संगठनात्मक कार्यक्रमों और बैठकों में ज़्यादा मशरूफ़ नजर आ रहे हैं। कुटरू और आवापल्ली क्षेत्र में घासीराम नाग ने सीधे ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से मिलकर हालातों का जायजा लिया है। जिला पंचायत और जनपद पंचायतों में भाजपा के अध्यक्षों की वापसी कराना घासीराम नाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। अध्यक्ष घासीराम नाग के साथ पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और बस्तर जिला प्रभारी वेंकट गुज्जा लगातार क्षेत्र में संगठनात्मक कसावट में जुटे हैं।
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