पवन दुर्गम, बीजापुर:- चुनाव हारते ही दोबारा पाँच साल बाद आने वाले चुनावों की तैयारी में जुटने का माद्दा बहुत कम कार्यकर्ता या नेताओं में होता है। लेकिन पाँच सालों तक जिन्होंने वोट नहीं दिया उन्ही के बीच अपनी बात रखकर हारी बाजी जीतने वाले नेता ही सेवक बन पाते हैं। पाँच सालों तक अपने आँगन में सुबह सवेरे दस्तक देने और उनकी समस्या जानने वाले मुकेश राठी को आखिरकार बीजापुर नगर पालिका के क्रमांक 13 प्रवीरचंद वार्ड की जनता ने भारी मतों से जिताकर प्रतिसाद दे दिया है। प्रवीर चंद वार्ड में भाजपा से प्रत्याशी मुकेश राठी का मुकाबला कांग्रेस से 15 सालों से अजेय रहे प्रवीण डोंगरे से था। प्रवीण डोंगरे कांग्रेस सरकार में युवा आयोग सदस्य जैसे बड़े पदों में रह चुके थे।
मुकेश राठी ने बीते पाँच सालों में वार्ड में नए मतदाताओं को जोड़ने, मृतकों के नाम सूची से हटवाने और फाल्स वोटिंग से बचने हर संभव प्रयास किया। इसी का परिणाम रहा कि जिन वोटर्स ने 2019 में मुकेश को हराने मतदान किया उन्होंने ने ही इस बार मुकेश को जिताने EVM में कमल का निशान दबाकर विजयी बनाया।
तमाम अटकलों और विरोध के बाद भी प्रवीण डोंगरे ने कड़ा मुकाबला दिया। प्रवीण डोंगरे को 294 मत हासिल हुए वहीं मुकेश राठी को 424 मत मिले। 131 वोटों से मुकेश ने पिछली बार के विजेता को हराकर अपना बदला ले लिए। हारकर मुकेश ने पाँच साल बाद उसी खिलाड़ी के साथ बाजी जीती है।
वार्ड नंबर 13 से मारवाड़ी समाज से राजू गांधी और गिरधारी राठी ने भी कांग्रेस पार्टी से पार्षद टिकट के लिए दावा पेश किया था। टिकट नहीं मिलने और मौजूदा पार्षद डोंगरे का वार्ड में विरोध के बावजूद दोबारा मौका मिलने से नाराज समाज का ज्यादातर मत भाजपा के पक्ष में जाना कांग्रेस के लिए बड़ी हार का कारण बना।
