भोपालपटनम जरखान।" मेहनत करें मुर्गी,अंडा खाए फकीर" चरितार्थ होती है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष महोदय पेरे फुलैया ने आरोप लगाया कि भोपालपटनम विकास खंड में प्राचीन प्राथमिक शाला -अन्नारम के बंद स्कूल को चालू करने के लिए मेरे,वल्वा चलपतराव एवं वासम कमला और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा निवेदन किया गया। शिक्षक चलपतराव को बुलाकर सर्वे कराया गया। जिसमें 12 बच्चे मिले। ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों को हम बराबर स्कूल भेजेंगे । स्कूल खोलने के बाकायदा ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पारित कर शासन - प्रशासन से हम लोगों ने निवेदन किया।इस तारतम्य में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी कंडिक नारायण को मेरे द्वारा अवगत करवाया गया था।
26 जुलाई 25 को प्राथमिक शाला - अन्नारम में वर्तमान खंड शिक्षा अधिकारी, सहायक खंड शिक्षा अधिकारी और खंड स्त्रोत समन्वयक व अन्य कर्मचारियों द्वारा नव प्रवेशी 1ली के बच्चों को अधिकारी- कर्मचारी द्वारा बच्चों को तिलक लगाकर, स्कूल से संबंधित सामग्री प्रदान किया गया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष पेरें पुलैया ने सवाल उठता है कि मैं जिला पंचायत उपाध्यक्ष हूं और मै ही शिक्षा समिति का सभापति हूं। मुझे ही इस आयोजन में बुलाना उचित नहीं समझा? आरोप लगाया की जिला स्तरीय कार्यक्रम में हमेशा आदिवासी जनप्रतिनिधि का उपेक्षा करता है। ऐसे ही मुझे दो तीन बार अनदेखी किया गया।एक शिक्षक बने अधिकारी हम आदिवासी जनप्रतिनिधियों के साथ हमेशा दुर्व्यवहार व अपमानित करते है। उसे यहां से तत्काल हटाकर मूल संस्थान में भेजा जाए।जब युक्तियुक्तकरण में सभी शिक्षक अपने प्रभार वाला पद छोड़कर अन्यत्र स्थान पर चले गए तो इनको उक्त पद पर क्यों नहीं हटाया गया? इनकी जिले के लिए व शिक्षा के प्रति उपलब्धि क्या है? मुझे नहीं बुलाया तो कोई बात नहीं किन्तु जनपद पंचायत के पदाधिकारियों को भी बुलाना उचित नहीं समझा? इस संबंध में मै सर्वे आदिवासी समाज में यह मांग रखूंगा। समाज जो उचित निर्णय लेगा वह मान्य होगा।
